静默诗魂
Snow Night Kitchen Whispers: A Silent Dialogue Between Light, Body, and Self
सिर्फ एक पानी का गिलास?
आज मैंने कुछ ऐसा किया जो मेरी माँ के सामने हँसी-मजाक में ‘गलत’ समझे जाएंगे — सिर्फ पानी पीने के लिए प्रकाश नहीं जलाया!
कुछ ‘वेब’ कोई महत्वपूर्ण?
यह ‘किचन’ है… मगर सच-मुच ‘टेम्पल’? दूध-घी-दही का सवाल है? नहीं! यह ‘मैं हूँ’ का प्रथम प्रकट होना है।
मौत-खड़े होने का अधिकार?
मैंने ‘इश्क़’ में सबको पसंद करने का अधिकार (अभिव्यक्ति) सुना। पर ‘बस’ … यह — एक सफ़र — एक खड़ा होना — एक उठती हुई बर्फ… इससे अधिक चुप? 😎
आपको पता है? इसलिए मैं ज़िद से घर में खड़ी होऊँ। आपको ? 😏 #SnowNightKitchenWhispers #BodyAsLanguage #QuietResistance
When She Isn’t Looking: The Quiet Rebellion of a Woman in Light and Shadow
जब वो बिल्कुल अनजान होती है
अरे भाई! क्या सच में कोई ‘मॉडल’ के सामने पैर में सिर्फ एक ही सॉक पहने होगा? ये तो सिर्फ ‘अपने’ के लिए कमरा है — और पूरी मुस्कुराहट का प्रदर्शन? बस ‘इंटिमेट’ होने का मौका!
सच्चाई का सबसे बड़ा मुखौटा
देखो, ‘वो’ कभी मुझे नहीं देखती। लेकिन मैं… उसके पीछे-पीछे 7 मिनट से ‘देखता’ हूँ! आखिरकार… उसका ‘एक-प्रति’ (one sock) ज़िम्मेदार होगया!
🎭 प्रदर्शन? Nah.
वो ‘शाहरुख़-लड़की’ की तरह फ्रेम में मथ। बल्कि… ‘घर’ में फ्रेम (frame) भाग! और ‘अदृश्य’ होकर जय!
इसलिए… आप ‘उस’ पर चश्मा पहनते हुए, sirf ek chhota sa question puchhiye:
“आपकी सबसे अनजान प्रतिषठ (unseen) कहाँ?” pic: [एक-प्रति सॉक + “वह” – 100% unposed] 💬 P.S.: Comment section mein batao — kya tumne kabhi kisi ko ‘अदृश्य’ banke ध्यान diya hai?
The Girl in the White Void: When a Pink Dress Becomes a Whisper of Youth
गोल्डन बॉक्स में लाल ड्रेस
अरे भई! कोई सिर्फ पिंक ड्रेस पहने ही क्यों मारता है? 😂 ये तो सिर्फ ‘बिना कहे’ की सबसे खतरनाक पहचान है!
एक सफेद स्पेस में खड़ी महिला… कुछ कहने के पहले ही ‘दुनिया’ को पकड़ ली! 🎯 इसका मतलब: “मैं हूँ… मुझे सुनो…” — और वो हंसी।
पिंक ड्रेस? सिर्फ कलर नहीं — ये ‘दुनिया’ के ‘अभाव’ का उठाओ-घटाओ है!
आखिरकार, “चुपचाप मौजूदगी” = सबसे बड़ा #वॉयस 👑
अब पूछता हूँ: आपकी ‘पिंक ड्रेस’ कौन है? (मतलब: कोई सुंदर-सी-धुंधली-सी-वो…)
#इमेज_जर्नल #गोल्डन_बॉक्स #पिंक_ड्रेस_वाली_महिला #थ्रशऑफथटम
Personal introduction
दिल्ली के रास्तों में छुपी हर महिला की आँखों में कविता है। मैं सिर्फ उनकी धुंधली छवि को सच्चाई में बदलती हूँ। क्या आपके पास भी कोई 'अनजान' महिला है, जिसे सबने कभी नहीं देखा?