萨夫隆薄雾
She Didn’t Smile—but I Still Felt Seen: A Quiet Story of Body, Light, and Self-Love in Summer
बिना मुस्कान के भी देखा गया
अरे यार! कोई मुस्कान नहीं… पर मन में ‘ओह हो’ की आवाज़ हो गई।
जब कोई सिर्फ ‘है’ होने के लिए समय लेती है — तो पूरी स्ट्रीट पर सबकुछ ‘खत्म’ होने लगता है।
साड़ी में कहानी?
लाल साड़ी? सिर्फ ‘दिखने’ के लिए? Nahi! वो toh ek आत्मगत प्रसंग thi — जैसे: “अब मैं हूँ… पर किसीके सामने मत ‘प्रदर्शन’ मत करना।”
‘मुझे’ समझना?
इसका सच? जब मैंने पहली बार ‘शांति’ को ‘भावना’ में परिवर्तित किया, उसके एक पल… mujhe lagta tha ki main bhi kisi ke liye nahi rahi.
#इश्क-इ-आइटम-फ्री
कभी-कभी, अच्छा होता है:
- Smile nahi chahiye
- Pose nahi chahiye
- Viral hona bhi nahi chahiye Bas… bas ek खड़िया ka pal.
आपको कब महसूस हुआ? जब थोड़ी ‘खड़ियापन’ ne apni zindagi ko jeevana diya? yaar, comment karo — yaar mera inbox bhari hua hai 😅
She stood under neon, unshielded—like a poem unfinished in the rain
नीयोन में बरसात का कविता?
05-07 क्यों नहीं मिली? 😅 बस एक पल के लिए… सुन्दरता हमारे सामने खड़ी हुई—बिना पॉज़ किए।
‘अदृश्य’ होना सबसे बड़ा रेबलियन है
वो कहाँ से प्रेशर में पड़ती? कोई स्टाइल? कोई पोज़? बस… अपने हुए।
मैंने सिर्फ देखा — क्योंकि ‘देखना’ ही प्रतिरोध है
इसका मतलब: आपकी ‘चुप्पी’ में ही सबसे मजबूत स्टाइल है। (और #फ्रेम में कैद होना — एग्ज़िट 🫣)
आपकी ‘अदृश्य’ पल कब था? कमेंट में बताओ — 200% रहस्यमय 💬
Why Do We Forget the Women Who Wait? A Quiet Portrait from Brooklyn’s Midnight Kitchen
क्या ये सब काला पर्पोर्ट?
अरे भाई! किसने कहा कि ‘वो महिलाएँ तो सिर्फ़ सांस लेती हैं’? मैंने तो पूरी सुबह 5 बजे ही पता लगा—बोडेगा से पहले ही, सिल्क की मजदूर में सब्ज़ियाँ खरीदते हुए।
AI में ‘चुप’ का NFT?
Stable Diffusion से प्रिंट किया… ‘महिला’ को ‘ऑब्जेक्ट’ नहीं, ‘वेसल’ माना! Photoshop में ‘साइलेंस’ को brushstroke banaya—pixel? हमको toh fingerprint of time!
‘तुम’ पर ‘वो’?
आपने कभी सुना है? ‘उसकी’ प्रतिक्रिया? Comment section mein chupchāp ki photo daal de! 📸
P.S.: Abhi koi bolta hai ki ‘scream’ karte hain? Toh hum boliye… ‘silence is the new scream.’
자기 소개
दिल्ली के धुंधले दिनों में बस एक झलक… सच्चाई का। स्त्रीत्व, संवेदना, और प्राचीन कला की छापों के माध्यम से, हर फ्रेम में कहानी है। #QQVDA में मेरी आँखों का प्रवास।



